Satna ki Political history,Industries and celebrities in Hindi
Satna मध्य प्रदेश में मुंबई हावड़ा रैलवे लाइन पर जबलपुर- इलाहाबाद रोड लाइन्स पर स्थिति है।
सतना को विंध्य प्रदेश का प्रवेश है, इसका मतलब ये है की रीवा ,पन्ना ,छतरपुर जाने सतना से होकर ही जाते हैं. अलावा प्रसिद्द तीर्थ स्थल चित्रकूट मैहर रामवन इत्यादि सतना स्थित हैं. विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो आने के लिये भी अधिकांश पर्यटक सतना होकर ही आते हैं। इस जिले में रामवन, बिरसिंहपुर, ((कंगालदास बाबा)) भरजुना, धारकुंडी आश्रम आदि स्थान भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र हैं।
तत्कालीन बघेलखण्ड की राजधानी रीवां थी जिसके अंर्तगत सतना था। इस कारण राजघराने के जमाने का प्रभाव कमोबेश आज भी सतना में देखने को मिलता है। रीवां राज्य के कई पुराने भवन आज किसी न किसी रूप में उपयोग हो रहे हैं और अपनी ऐतिहासिकता को प्रमाणित करते हैं।
Satna Political History
यहां के राजनैतिक इतिहास की नींव के पत्थरों में बाबूलाल बिहारी, शारदा प्रसाद, विश्वासराव पेन्टर, गनपत प्रसाद मारवाडी, पं. अवधबिहारी लाल, हुकुमचंद नारद, पं. रामस्वरूप, मोहनलाल मिश्र, शिवानन्द लाल, पद्मधर सिंह आदि है। सतना के राजनैतिक इतिहास में ये ऐसे नाम है जिनके द्वारा यहां राजनैतिक चेतना जाग्रत हुई। बाद में यहां गोविन्द नारायण सिंह (प्रदेश की संविद सरकार के मुख्यमंत्री), बैरिस्टर गुलशेर अहमद (विधान सभा अध्यक्ष तथा विधि मंत्री) डॉ॰ लालता प्रसाद खरे (नगर पालिका के सबसे लंबे समय तक चेयरमैन और बाद में राज्य मंत्री) सक्रिय हुये।
सतना के ही एक ऐसे कद्दावर नेता थे जिन्होंने पूर्वे मुख्यमंत्रियों (अर्जुन सिंह और विरेन्द्र सखलेचा ) को 1996 के लोकसभा चुनाव में हराया था।
Satna Industrial Area
सतना अब एक औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है। बिड़ला घराने के सीमेन्ट के दो कारखाने, सतना सीमेन्ट फैक्ट्री तथा मैहर सीमेन्ट और यूनिवर्सल केबल्स फैक्ट्री हैं। एक और प्रिज्म सीमेन्ट है। इनके अलावा चूना उद्योग के कई छोटे-बडे संस्थान स्थापित है। बीड़ी उत्पादकों के कई संस्थान हैं। यहां के बाजार पर सिंधी, मारवाडी और गुजराती व्यापारियों का वर्चस्व है।
Satna Celebrity
यह शहर कई नामी गिरामी हस्तियों के कारण जाना जाता है। न्याय के क्षेत्र में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके जस्टिस जे.एस. वर्मा यहीं के रहने वाले हैं। उन्होंने शुरू में यहां वकालत की फिर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के पदों में रहने के बाद वे सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचे। चित्रकूट में नानाजी देशमुख ने दीनदयाल शोध संस्थान, ग्रामोदय विश्वविद्यालय तथा अन्य शिक्षा संस्थान प्रारंभ कर समाज सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। मैहर के विश्वप्रसिद्ध सरोदवादक उस्ताद अलाउद्दीन खां ऐसे महामानव थे जो मैहर की शारदा देवी के उपासक थे। स्वामी रामभद्राचार्य जो स्वयं नेत्रहीन हैं, ने चित्रकूट में नेत्रहीनों के लिये विद्यालय प्रारंभ किया जो सुचारू ढंग से चल रहा है
1 Comments
Nice city
ReplyDelete